न समझो किसी को ज्यादा करीबी,
अपने हक़ के आंसू खोना पड़ेगा ।
ना करो किसी से उम्मीद इतनी,
जब टूटेगा तब रोना पड़ेगा ।
अपने हक़ के आंसू खोना पड़ेगा ।
ना करो किसी से उम्मीद इतनी,
जब टूटेगा तब रोना पड़ेगा ।
माफ़ करदो भले ही गलती को,
पर गलती क्या थी भूलो मत.
भूल के गर किया तुमने ये गलती
तो निश्चय ही उदास होना पड़ेगा।
पर गलती क्या थी भूलो मत.
भूल के गर किया तुमने ये गलती
तो निश्चय ही उदास होना पड़ेगा।
दोस्त नहीं, बुरी दोस्ती की हद है,
व दिखावे वाली उसकी बड़ी कद है.
करोगे अगर ऐसों की ज्यादा फिकर,
तो,
बेशक करके आँखे नम सोना पड़ेगा।
व दिखावे वाली उसकी बड़ी कद है.
करोगे अगर ऐसों की ज्यादा फिकर,
तो,
बेशक करके आँखे नम सोना पड़ेगा।
©श्याम शर्मा
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